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सिरिंजोमायलिया और टेदर्ड कोर्ड

सिरिंजोमायलिया क्या होता है?

आघात के बाद होने वाले सिरिंजोमायलिया (syringomyelia, सिर-इं-जो-माय-ई-लिया) में रीढ़ की हड्डी के अंदर एक सिस्ट, यानि तरल से भरी गुहा बन जाती है। यह गुहा समय के साथ-साथ फैल सकती है, और SCI के स्तर से दो या अधिक मेरु खंडों तक विस्तारित हो सकती है।

सिरिंजोमायलिया और टेदर्ड स्पाइनल कोर्ड (बंधित रीढ़ की हड्डी) के नैदानिक लक्षण एक जैसे होते हैं, और वे इस प्रकार हैं:

  • रीढ़ की हड्डी का उत्तरोत्तर क्षय
  • संवेदना या शक्ति की उत्तरोत्तर हानि
  • पसीना आना
  • स्पास्टिसिटी (मांसपेशियों की कठोरता)
  • दर्द
  • ऑटोनॉमिक डिसरिफ़्लेक्सिया (AD)

टेदर्ड स्पाइनल कोर्ड (बंधित रीढ़ की हड्डी) क्या होती है?

टेदर्ड स्पाइनल कोर्ड (बंधित रीढ़ की हड्डी) नामक स्थिति में क्षति ऊतक का निर्माण होता है और वह रीढ़ की हड्डी को उसके चारों ओर मौजूद ड्यूरा मेटर (दृढ़तानिका) नामक मृदूतक झिल्ली से बांध देता है। इस क्षतिचिह्न के कारण रीढ़ की हड्डी के इर्द-गिर्द मेरु तरल का सामान्य प्रवाह नहीं हो पाता है और झिल्ली के अंदर मौजूद रीढ़ की हड्डी का सामान्य संचलन बाधित होता है।

टेदरिंग के कारण सिस्ट बनता है। ऐसा सिरिंजोमायलिया के साक्ष्य के बिना हो सकता है, पर आघात के बाद सिस्ट का बनना किसी-न-किसी स्तर की कोर्ड टेदरिंग (बंधित रीढ़ की हड्डी) के बिना नहीं होता है।

पता लगाना और उपचार

सिरिंजोमायलिया और टेदर्ड स्पाइनल कोर्ड (बंधित रीढ़ की हड्डी), रीढ़ की हड्डी की चोट/क्षति के कई महीनों से दशकों बाद हो सकते हैं।

मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेज़िंग (MRI) रीढ़ की हड्डी में सिस्ट का पता लगाती है, बशर्ते छड़ें, प्लेट या गोली के टुकड़े मौजूद न हों।

सिरिंजोमायलिया स्पाइना बिफिडा, रीढ़ की हड्डी के ट्यूमर, एरेक्नॉइडाइटिस (जालतानिका के शोथ) और इडियोपैथिक (अज्ञात कारण वाले) सिरिंजोमायलिया से भी जुड़ा हो सकता है। MRI से सिरिंजोमायलिया के आरंभिक चरणों में पहचान होने के मामलों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस विकार के संकेत धीरे-धीरे विकसित होते हैं, हालांकि खांसने या तनाव या खिंचाव पड़ने से वे अचानक भी आरंभ हो सकते हैं।

टेदर्ड कोर्ड (बंधित रीढ़ की हड्डी) और सिरिंजोमायलिया का उपचार सर्जरी द्वारा किया जाता है। बंधन खत्म करने के लिए एक नाजुक सर्जरी की जाती है जिससे रीढ़ की हड्डी के इर्द-गिर्द मौजूद क्षति ऊतक को मुक्त करके मेरु तरल के प्रवाह को और रीढ़ की हड्डी के संचलन को बहाल कर दिया जाता है।

इसके अतिरिक्त, दृढ़तानिका अवकाश को मज़बूती देने और दोबारा क्षतिचिह्न बनने का जोखिम घटाने के लिए बंधन वाले स्थान पर एक छोटा सा ग्राफ़्ट भी लगाया जा सकता है।

यदि कोई सिस्ट मौजूद हो, तो सिस्ट से तरल निकालने के लिए गुहा के अंदर शंट (निकास मार्ग) लगाया जा सकता है।

सर्जरी के बाद आमतौर पर शक्ति में वृद्धि और दर्द में कमी होती है। हालांकि, आवश्यक नहीं कि इससे खो चुकी संवेदी कार्यक्षमता वापस लौट आए ही। जहां सर्जरी से अधिकांश लोगों के लक्षण स्थिर हो जाते हैं या उनमें मामूली सुधार देखने को मिलता है, वहीं उपचार में देरी से रीढ़ की हड्डी की चोट/क्षति पलटी न जा सकने वाली स्थिति में पहुंच सकती है।

सर्जरी के बाद सिरिंजोमायलिया दोबारा होने पर अतिरिक्त ऑपरेशन आवश्यक हो सकते हैं। संभव है कि ये ऑपरेशन दीर्घकाल में पूरी तरह सफल न हों। सिरिंजोमायलिया का उपचार पाने वाले आधे रोगियों में पांच वर्षों के अंदर लक्षण लौट आते हैं।

चियारी (Chiari) विकृति

सिरिंजोमायलिया ऐसे लोगों में भी होता है जिनमें चियारी (Chiari) विकृति नामक मस्तिष्क की एक जन्मजात असामान्यता होती है। गर्भस्थ शिशु के विकास के दौरान, सेरिबेलम का निचला भाग सिर के आधार में से होते हुए मेरु नाल के गर्दन वाले भाग में आ जाता है।

इसके लक्षणों में आमतौर पर उल्टियां, सिर और चेहरे की मांसपेशियों में कमज़ोरी, निगलने में कठिनाई, और विभिन्न स्तर की मानसिक क्षीणता शामिल हैं।

बांहों और पैरों को लकवा भी मार सकता है। चियारी (Chiari) विकृति से ग्रस्त ऐसे वयस्क और किशोर जिनमें पूर्व में कोई लक्षण नहीं दिखे थे, उनमें उत्तरोत्तर बढ़ती क्षीणता के संकेत दिख सकते हैं, जैसे आंखों का अनैच्छिक ढंग से, तेज़ी से, नीचे की ओर चलना।

अन्य लक्षणों में चक्कर आना, सिरदर्द, दोहरी दृष्टि, बहरापन, संचलन में तालमेल बैठाने की योग्यता का क्षीण पड़ना, और आंखों में एवं उनके इर्द-गिर्द दर्द होने की घटनाएं शामिल हैं।

वेबकास्ट: SCI (रीढ़ की हड्डी की चोट) एवं सिरिंजोमायलिया

एक ऑनलाइन चर्चा की इस रिकॉर्डिंग में, नर्स लिंडा सिरिंजोमायलिया के उपचार और रोकथाम पर चर्चा कर रही हैं।

संसाधन

यदि आप सिरिंजोमायलिया और टेदर्ड स्पाइनल कोर्ड (बंधित रीढ़ की हड्डी) के बारे में और जानकारी की तलाश में हैं या आपको कोई विशेष प्रश्न पूछना है, तो हमारे जानकारी विशेषज्ञ सप्ताह के व्यावसायिक कार्यदिवसों पर सोमवार से शुक्रवार, ईटी समय सुबह 7:00 बजे से रात 12:00 बजे (मध्यरात्रि) तक टोल-फ़्री नंबर 800-539-7309 पर उपलब्ध हैं।

स्रोत: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ न्यूरलॉजिकल डिसॉर्डर्स एंड स्ट्रोक,अमेरिकन सिरिंगोमायलिया एंड चियारी अलाइंस प्रोजेक्ट